भदोही जनपद में जब कोई लेखक – साहित्यकार या राष्ट्रवादी आता है, तो शहीदों को जरूर याद करके जाता है. इसी कड़ी में डॉ. आदित्य मिश्रा ने रक्षाबंधन के अवसर पर ‘शहीद झूरी सिंह स्मारक’ पर परऊपुर में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित किया. जहां भावूकता से छलकते हुए उन्होंने कहा कि आज हम आजाद हैं, तो प्राणों की आहुति देकर आजादी दिलवाने वाले शहीदों की बदौलत. हम लोग सभी त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं क्योंकि हमें खुली हवा में जीने का मौका मिला है. ऐसे में शहीदों को नमन करना व उनके वंशज परिवार का सम्मान करना भी हमारा परम कर्तव्य है।

इस दौरान उपस्थित शहीद झूरी सिंह के प्रपौत्र डॉ रामेश्वर सिंह ने इतिहास को खंगालते हुए लेखक-साहित्यकार डा. आदित्य मिश्रा को बताया कि ‘1857 में हमारे जनपद के कुल 42 लोगों को फांसी हुई थी. काशी-प्रयाग मध्य की यही वो भूमि है, जहां के वीरों ने भी कुर्बानियां देते हुए अपने प्राणों की आहुति देकर हमें और आपको स्वतंत्र एवं उन्मुक्त वातावरण में सांस लेने का मौका दिया. इसलिए हमें शहीदों को कभी भूलना नहीं चाहिए।
जनपद के मानिंद शिष्टमंडल के साथ सभी शहीदों का नाम जिलाधिकारी महोदय को सौपा जाएगा. शहीदों को सम्मान समर्पित करते हुए संबन्धित गांव में बन रहे ‘अमृत सरोवर’ पर उनके नाम अंकित किये जाने हेतु मांग किया गया था, जिसके लिए जिला अधिकारी ने आदेशित कर दिया है. इसलिए जिलाधिकारी बधाई के पात्र हैं।

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सन् २००२ में 'निष्पक्ष पत्रकारिता' से जुड़े पत्रकार, साहित्यकार व स्तंभकार सुनील तिवारी मुंबई में नवभारत, दो बजे दोपहर, संझा लोकस्वामी, खबरें आज तक, अंखड महाराष्ट्र जैसे दैनिक अखबारों में कार्यरत रहे। अंशकालिक, विशेष संवाददाता व उप संपादक की भी भूमिका निभा चुके हैं। मौजूदा समय में 'कर्मभूमि' मुंबई के साथ 'जन्मभूमि' भदोही (यूपी) के कई मामलों का सनसनीखेज खुलासा 'सशक्त समाज' न्यूज नेटवर्क पर बतौर कलमकार कार्यरत होकर कर रहे हैं। विभिन्न अग्रणी अखबारों में आंशिक लेखन के साथ पत्रकार हित के लिये समर्पित संगठनों से भी जुड़े हैं।