पढ़िए…’डीएम साहब’ – नहीं मिला रिश्वत चढ़ावा, तो लाखों जमा करवाया, फिर भी नहीं दिया कनेक्शन

👉भदोही में निर्धारित शुल्क जमा करने के बावजूद भी विभाग की लापरवाही से नही लगा खम्भा....

  • 👉लाखों शुल्क जमा कराने के बावजूद भी, बिजली विभाग नहीं लगा रहा खम्भा….
  • 👉भदोही जनपद के ज्ञानपुर क्षेत्र अंतर्गत वेदपुर गांव का मामला…

भदोही जनपद से ऐसी खबर सामनें आई है, जो योगी सरकार की ‘जिरो टोलरेंस’ नीति को खुलेआमं ठेंगा दिखा रही है. ऐसे में कर्मठ व युवा सशक्त शासनिक अधिकारी ‘डीएम साहब’ को भी यह खबर जरूर पढ़ना चाहिए…

भदोही में देखने को मिल रहा है कि ४ माह पूर्व मनमाना शुल्क बिजली विभाग द्वारा जमा करवा लिया गया है, फिर पता नहीं किस वजह से बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपभोक्ता को खम्भा और ट्रांसफार्मर नही दे रहे हैं. इसको लेकर उपभोक्ता बिजली विभाग के अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री के पोर्टल तक पर भी गुहार लगा चुका है लेकिन कोई भी कार्यवाही न होने से उपभोक्ता परेशान है क्योंकि मोटी रकम भी इस्टीमेट के नाम पर बिजली विभाग के खाते में जमा भी कर दिया गया है। यह मामला ज्ञानपुर क्षेत्र के वेदपुर का है, जहां कि मिथिलेश मिश्रा ने अपने घर पर बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया. पहले रकम हजारों में बताई गई और बाद में जब स्टीमेट बना तो लाखों पहुंच गया।

क्या कहते हैं पीड़ित सभाजीत मिश्र – अपनी पत्नी मिथिलेश मिश्र के नाम स्वतः के खम्भा ,10 kv के ट्रान्सफार्मर और मीटर के लिए मार्च 2023 में आवेदन किया. मुझे जेई द्वारा जहां बताया गया कि 60-65 हजार में हो जायेगा. वहीं 1 अप्रैल को 108937/- का इस्टीमेट मिला. मैं कई बार इक्सयन आदित्य पाण्डेय से मिला कि इस्टीमेट बहुत ज्यादा है. बार-बार मुझे बोलते थे कि आप दिनेश मौर्या से सम्पर्क करें. दिनेश मौर्या बोले कि आपको पहले ही बोला था कि 20000/- दे देते आपका बहुत कम में, कब का हो गया होता. अब आप 108937/- भरे हो, तो दौड़ लो….कितना दौड़ोगे…मैं फिलहाल 28 अप्रैल को पैसा भरकर आज तक दौड रहा हूं..मैं की पत्र मुख्यमंत्री, डीएम के पोर्टल पर और संबंधित उच्च अधिकारियों को जांच के लिये लिखा कि इतना पैसे क्यों भरवाया गया..और भ्रष्ट अधिकारियों की जांच की जाय. इसमें मुख्य गुनाहगार आदित्य पाण्डेय, दिनेश मौर्या और रमन चतुर्वेदी हैं।

खैर…..सरकार की जहां किसानों और विद्युत उपभोक्ताओं के राहत के लिए विभिन्न योजना चलाती है, जिससे लोगों को कोई दिक्कत न हो, वहीं सरकार ने तो बिजली का कनेक्शन हर घर में हो इसके लिए बाकायदा अभियान चलाकर लोगों का निःशुल्क कनेक्शन दिया और उसका लाभ आम जनता को मिल रहा है. लेकिन कभी-कभी ऐसे मामले देखने को मिल जाते है जो सच में शासन के कार्यों पर पानी फेरने का कार्य करते है, जबकि यह सब कुछ स्थानीय स्तर पर लापरवाही और भ्रष्टाचार की वजह से होता है और अपने वैधानिक कार्य को कराने के लिए उपभोक्ता को विभाग के सभी अधिकारियों के यहां चक्कर लगाता रहता और सुनवाई के लिए गुहार लगाता रहता है लेकिन कही कोई सुनवाई नही होती दिखती है। और अंत में परेशान होकर व्यक्ति या तो चक्कर लगाना बंद कर देता है या फिर न्यायालय का द्वार खटखटाने पर विवश होता है।

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