युवापन में बने ब्लाक प्रमुख और बदली क्षेत्र की तस्वीर…

कहते हैं कि नेतृत्व करने की कोई उम्र नहीं होती…साहस से ही नेतृत्व किया जा सकता है. जी हां..ऐसे ही एक युवा के बारे में आप पढ़ने जा रहे हैं, जो काफी कम उम्र में ही ब्लाक प्रमुख बनें और विकास कार्य से क्षेत्र की तस्वीर ही बदल दी. भदोही जनपद से हैं तो समझ गए होगें कि चर्चा औराई विकास खंड के निर्विरोध युवा ब्लाक प्रमुख बृजमोहन मिश्रा (विकास) की हो रही है

भदोही जनपद के सहसेपुर गांव निवासी बृजमोहन मिश्रा (विकास) ने महज 26 साल की उम्र में (2015 में) क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा, जहां ना कि निर्विरोध विजयी हुए बल्कि ब्लाक प्रमुख भी चुनें गये. अपनी स्वच्छ छवि के कारण दुसरी बार 2020 में भी निर्विरोध ब्लाक प्रमुख निर्वाचित हुए. इसी मौके के दम विकास कार्यों की संजीवनी हांसिल किया. फिर जनपद की राजनीति में बेहतरीन छवि बनाने में वक्त नहीं लगा. इनके द्वारा क्षेत्र में विकास के कई सारे कार्य देखने को मिलते हैं. क्षेत्रीय युवा-बुजुर्ग ही नहीं बल्कि यह बच्चों के साथ भी नजर आते हैं. सरल व्यवहार के कारण लोग इनसे मिलना और बातें करना काफी पसंद करते हैं।

कैरियर बनाने की उम्र में क्षेत्र विकास – इनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस उम्र में लोग अपनी कैरियर बनाने के बारे में सोचते हैं, उस उम्र में इन्होंने क्षेत्रीय विकास के बारे में सोचा और अपने विकास खंड को एक नई दिशा और दशा दे दी। छोटी सी उम्र में अपने विकास खंड के प्रति इस प्रकार लगाव और क्षेत्र के विकास के प्रति सोचना हर किसी के वश की बात नहीं होती है. तभी तो वह आज गांव और क्षेत्र में छोटे से लेकर बड़े लोगों के दिलों पर राज करते हैं। जब वह अपने विकास खंड क्षेत्र में निकलते हैं, तो छोटे बच्चे ‘भैया’ जैसे शब्द से संबोधित कर उनका अभिवादन करते हैं। विकास मिश्रा क्षेत्र के छोटे-मोटे कार्यक्रमों के साथ-साथ बड़े स्तर के कार्यक्रमों में भी शामिल होते हैं और अपनी सहभागिता निभाने से पीछे नहीं होते।

जीवन में परोपकार – बृजमोहन मिश्रा (विकास) कहते हैं कि जीवन में परोपकार की भावना होनी चाहिए. हमें हमेशा क्षेत्र का विकास और लोगों के बारे में सोचना चाहिए ताकि आने वाले समय में लोग विकास कार्यों को याद करें. दुनिया में पैसा ही सब कुछ नहीं होता बल्कि व्यवहार और व्यक्ति की छवि सबसे महत्वपूर्ण होती है. राजनीति में और आगे जाने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ‘जनता जनार्दन का जैसी इच्छा होगी… मैं हमेशा अपने क्षेत्र और अपने लोगों के सुख-दुख में काम आ जाऊं यह काफी है और हां… मुझे पद का कोई लालच नहीं है, ना कभी होगा।

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