भदोही ‘भ्रष्टाचार’ कांड- सेकेट्ररी पर दर्ज हो सकता है “४२०” का मुकदमा.!!

भदोही जनपद के दो गांवों से उठी भ्रष्टाचार की दुर्गंध ने सत्ता-शासन की जीरो टोलरेंस नीतियों को झकझोर दिया है. बिना अनुमति जेसीबी से नाले की खुदाई करवाने के मामले में जहां एक ओर उच्च शासनिक अधिकारी सख्त हो गए हैं, वहीं सोमवार को सेकेट्ररी चंद्रेश यादव पर भी निलंबन की गाज गिर गई. फिलहाल भले ही कुछ खद्दरधारियों द्वारा इस भ्रष्टाचार कांड की कार्रवाई रोकने या स्लो करवाने के लिए शासनिक अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा है लेकिन भदोही जनपद के शासनिक अधिकारी सुत्रों की मानें तो सेकेट्ररी ही नहीं बल्कि भ्रष्टाचार कांड की टीम में शामिल लोगों पर भी “४२०” का मुकदमा दर्ज करवाया जा सकता है।
गौरतलब है कि जनपद के ज्ञानपुर ब्लॉक अंतर्गत दो गांव से 18 मई को जेसीबी से नाला खुदाई का वीडियो वायरल हुआ, जिस पर डीएम साहिबा के निर्देश पर बीडीओ ज्ञानपुर से आख्या मांगी गई. बीडीओ ने तीन सदस्यीय टीम का गठन कर जांच कराई. आश्चर्यजनक तथ्य यह रहा कि जांच टीम में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे सेकेट्ररी को शामिल रखा गया. सेकेट्ररी ने भी जांच करके ऐसी फर्जी रिपोर्ट शासन को सौंपी कि मानिए…भ्रष्टाचार छिपाने के चक्कर में फर्ज गद्दारी की सभी हदें पार कर दी गई. अंतत: मनरेगा उपायुक्त की जांच में बिना अनुमति के 30 लाख रुपये से अधिक का काम मशीन से कराए जाने का मामला सामने आया, जबकि जो काम हो रहा था, उसे मशीन से नहीं कराई जानी थी. गत् दिनों भ्रष्टाचार कांड से संबंधित ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी, बीडीओ, एपीओ और रोजगार सेवक के खिलाफ कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किया गया था. संबंधित विभाग के अफसरों को भी कार्रवाई का निर्देश दिया गया था। सीडीओ भानु प्रताप सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. सीडीओ के निर्देश पर डीडीओ ने ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया है. सीडीओ ने ‘सशक्त समाज न्यूज’ से बताया कि जो भी लोग इस मामले में संलिप्त मिलेंगे, सभी के खिलाफ शासनिक रूप से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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