युवा नेता की नजरों में, यह भी है बड़ी जनसमस्या, लखनऊ-दिल्ली तक लगा दी गुहार….

यूं तो भदोही जनपद में जनसमस्याओं की भरमार है लेकिन सत्तादल के संगठन नेताओं को भदोही दौरे पर आए नेता-मंत्री के साथ सेल्फी लेने से फुर्सत ही नहीं है. मुख्यत: यही कारण है कि भदोही जनपद में धीरे-धीरे एकजुट होकर युवाओं ने जनसमस्याओं को लेकर आवाज बुलंद करना जारी रखा है. इसी कड़ी में रेल मंत्री, उत्तर रेलवे के उपमुख्य अभियंता/निर्माण,भदोही जिलाधिकारी, पीडब्ल्यूडी, व सेतु निगम के अधिकारियों को ज्ञापन देकर भावी सांसद प्रत्याशी ब्रम्हानंद तिवारी ने सरायकंसराय रेलवे स्टेशन पर अंडरपास बनाने की माँग को तेज कर दिया है।
प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से युवा नेता ब्रम्हानंद तिवारी ने बताया है कि सरायकंसराय रेलवे स्टेशन से जुड़े गॉव रामनगर, करणपुर, खेमापुर हरदुआ, जोगापुर, गोसाईपुर,अभिया, बूढ़नपुर,सराय गांव नवलपुर के खेमापुर और बरबसपुर जैसे कई गॉव यातना झेलने को मजबूर हैं. अंडरपास न होने के कारण नियमित तौर पर कई तरह के समस्याओं को झेल रहे हैं. सरायकंसराय स्टेशन क्षेत्र के आस-पास की बस्तियों के करीब 10 हजार लोग अंडरपास के लिए संघर्ष कर रहे, लेकिन शायद इनकी समस्याओं को सुनने वाला कोई नही है, तभी तो रोज हजारों की संख्या में इन बस्तियों के बाशिंदे और स्कूली बच्चे पटरियां क्रॉस कर स्कूल, खेतीबाड़ी और अपने रोजगार को जाते हैं. यही कारण है यहाँ अक्सर दुर्घटनाएं भी होती रहती है, जिम्मेदारों की नजर में ये सब होते हुए भी इनकी मांग की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया. स्थानीय लोग पटरी पार कर दूसरी ओर जाने के लिए मजबूर हैं. गाड़ियों से जाने के लिए लोगों को लम्बा चक्कर लगाना पड़ता है, जिला भदोही के अंतर्गत आने वाले इस स्टेशन को हमेशा से ही जनसुविओं से दूर रख्खा गया. यह एक ऐसा स्टेशन है जहाँ पर पूर्व और पश्चिम दोनों तरफ रेलवे फाटक नही है, रेलवे विभाग इन फाटकों के निर्माण में अभी तक कोई प्रयास नही किया. स्थानीय नागरिकों की मानें तो अंडरपास बनने से फाटकों पर होने वाले रेलवे के खर्च समाप्त हो जाएगें और फाटकों की आवश्यकता भी नही पड़ेगी।
रिजर्वेशन की व्यवस्था नहीं – इस स्टेशन पर रिजर्वेशन की भी व्यवस्था नहीं है. सरायकंसराय स्टेशन सदा से ही उपेक्षित रहा है. स्थानीय लोगों को रिजर्वेशन के लिए या तो जंघई जाना पड़ता है या फिर भदोहीं।

ज्ञात हो कि स्टेशन से सटे हुए ग्राम सभाओं का विकास अवरुद्ध हो चुका है, हजारों आबादी वाले ये गाँव रेलवे स्टेशन से एक तरफ से दूसरे तरफ जाने के लिए 15 किलोमीटर का चक्कर लगाते हैं. चाहे छोटे बच्चों की शिक्षा के लिए हो, गर्भवती महिलाओं के प्रसव के लिए हो, रोगियों के इलाज के लिए हो,या फिर शादी विवाह की बात हो ग्रामीण परेशान हैं, उन्हें ऐसे आकस्मित कार्यों के लिए काफी दूर घूम कर जाना होता है, जिससे स्टेशन के समीप के समस्त ग्रामवासी इस परेशानी से त्रस्त हैं, रेलवे क्रॉसिंग व अंडरपास न होने के करण आसपास के ग्रामीणों को लंबी दूरी तय करना पड़ता है।

मिला सिर्फ कोरा आश्वासन – ब्रह्मानंद तिवारी कहते हैं कि शासन-प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए. स्थानीय लोग जनप्रतिनिधियों से भी इसके बारे में गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोरे आश्वासन के सिवा उन्हें कुछ नहीं मिला। सरायकंसराय रेलवे स्टेशन पर वैकल्पिक मार्ग नहीं होने के कारण लोगों को काफी परेशानीयों का सामना करना पड़ता है तथा क्षेत्र में अनहोनी का आशंका बनी हुई रहती है, अंडरपास बनने के बाद स्थानीय नागरिकों की दिक्कत का भी समाधान हो जाएगा।
यह की है मांग – युवा नेता ब्रम्हानंद तिवारी जनहित के इस अहम मुद्दे पर मांग करते हुए सुझाव दिया है कि जिलाधिकारी,पीडब्ल्यूडी, रेलवे व सेतु निगम के अधिकारियों को बैठक कर प्रस्तावित अंडरपास को स्वीकृति देना चाहिए. सरकार या संबंधित मंत्री से हम सकारात्मक कदम उठाने की माँग करते हैं. अंडर पास को लेकर रेलवे और सेतु निगम के अफसरों से हम सर्वे कर अंडरपास बनाने के लिए संभावनाएं तलाशने की माँग करते हैं, अंडरपास निर्माण में रेलवे अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से ध्यान देना चाहिए, उत्तर रेलवे के एक छोटे से प्रयास से हजारों आबादी वाले कई गाँवों को कई तरह के समस्याओं से निजात मिल जाएगी।