File Pict. Of MLA Vijay Mishra
File Pict. Of MLA Vijay Mishra

यूपी में चुनावी बिगुल बज चुका है, जहां हर सीट पर विभिन्न पार्टियों के नेता ताल ठोंक रहे हैं, वहीं पूर्वांचल की यह विशेष सीट सबसे ज्यादा सुर्खियों में है. आखिरकार रहे भी क्यों नहीं…यह सीट विधायक विजय मिश्र की है, जिन्हें ज्ञानपुर के मतदाता चुनाव लड़ाते हैं. अबकी विधायक जेल में कैद किए गए हैं, तो ज्ञानपुर के अधिकांश मतदाता खुद उनका चुनाव लड़ रहे हैं।

जगजाहिर है कि भदोही जनपद में अपने विकास कार्यों की बदौलत चर्चा में रहने वाले और राजनैतिक प्रतिद्वंद्वियों के दांत खट्टे करने वाले विधायक विजय मिश्र ‘जनबली’ कहे जाते हैं. विधायक विजय मिश्र तर्क देकर बताते रहे हैं कि क्षेत्रीय जनता के अधिकांश का ‘जन का बल’ यांनी समर्थन उन्हीं के साथ है. फिलहाल वह जनबल जहां धीरे-धीरे विधायक का प्रचार करने हेतु जमीं से डिजिटल मीडिया सहित विभिन्न प्लेटफार्म पर चुनाव लड़ रहा है, वहीं उनकी पत्नी एमएनएसी रामलली विधायक का सिपाही बनकर घर-घर के अंदर पैठ करना शुरू कर चुकी हैं और चूंकि वे समयानुसार क्षेत्रीय जनता के सुख-दुख में वर्षों से पहुंचती रही हैं. इसलिए उनके लिए महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों का लगाव तरोताजा हो रहा है।

हमें पार्टी नहीं…हमारा “विधायक” चाहिए…
विभिन्न पार्टियों के अधिकांश पदाधिकारी व स्थानीय नेता भी करीबन गांव में चट्टी-चौपाल पर कहते नजर आ रहे हैं कि हमें पार्टी नहीं…हमारा विधायक चाहिए. मुख्यतः विधायक विजय मिश्र के मजबूत विकास कार्यों व मर्दाना नेतृत्व से युवाओं का भी विशेष लगाव है।