ग्राऊंड लेवल पर समस्याओं के निस्तारण में भले ही फिसड्डी साबित हो रहे हैं लेकिन शासनिक अधिकारी ‘चुटका’ के सहारे ‘अव्वल दर्जे’ की ‘जनसुनवाई’ कर हैं. शायद मुख्यमंत्रीजी आपको भी इनकी काबिलियत पर भरोसा ना हो…इसलिए दस्तावेज सहित इस प्रोत्साहन पूर्ण ‘चुटकागुणी’ कारनामें को आप भी देखिए और पढ़ लीजिए, ताकि आप भी संतुष्ट हो जाय कि हमनें क्यों लिख दिया….हाय रे भदोही.!!

गौरतलब है कि भदोही जनपद सर्वश्रेष्ठ विकास की ओर है लेकिन ग्राऊंड लेवल पर नहीं बल्कि कागजी खेल में. यूपी में कागजीखेल हो और ‘चुटकेबाजी’ परंपरा टूट जाए..यह तो कदापि संभव नहीं है क्योंकि ‘चुटका’ का उत्तर प्रदेश से गहरा नाता है. ऐसे में भदोही जनपद हो या IGRS, इस चुटके से कैसे अछूता रह सकता है. खैर..फिलहाल हम जिस मुद्दे की चर्चा कर रहे हैं, वह भ्रष्टाचार व लापरवाही से जुड़ा है. इसलिए उसमें थोड़ा सा गुणवत्ता सुधार हेतु पारदर्शी जानकारी की मांग की गई व सुझाव रखा गया गया था. अपेक्षा थी कि उपरोक्त मांग पर जनहित में कोई ठोस कदम उठाने की जानकारी मिलेगी. खैर…मुख्यमंत्री कार्यालय की नजरें IGRS पर टिकी होती है और बार-बार उस पर आई जनसमस्याओं को लेकर गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हेतु शासनिक अधिकारियों को स्वयं मुख्यमंत्री सचेत करते रहते हैं. फिर भी भदोही में शासनिक अधिकारियों को चेत नहीं आ रहा है। उपरोक्त निस्तारण चिट्टी को हम ‘चुटका’ इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एक सप्ताह पहले भी यही ‘चुटका’ एक अन्य शिकायती पत्र पर अपलोड करके इतिश्री कर लिया गया था।

वे बोले जांच का विषय है…भदोही जनपद के सीडीओ व उच्च शासनिक अधिकारी को काॅल करके जब इस आख्या रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी गई, तो उन्होंने भी बिना सुझाव या शिकायत पढ़े अपलोड किए चुटके को लेकर संबधित शासनिक अधिकारी के खिलाफ जांच की बात कही है।