मजदूरी के लिए अधिकारियों के यहां चक्कर लगा रहे है पशुपालक…
'सुविधा शुल्क' लेने के बाद भी 'पशु शेड' की 'धनराशि' का 'भुगतान नहीं' कर रहे जिम्मेदार.?
यह चौंका देने वाला भदोही जनपद के औराई ब्लाक क्षेत्र के लक्ष्मणा गांव का है, जहां इधर कई दिनों से इसकी व्यापक चर्चा हो रही है. भ्रष्टाचार की यहां से उठी गंध यह कहने को मजबूर करती है कि बीडीओ साहब..नींद से अब तो जागिए.!!
बताया जा रहा है कि पशु शेड निर्माण में व्यापक स्तर पर धांधली का मामला सामने आया है. इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक ऑडियो में कहा जा रहा है कि मैनेजमेंट बुक यानी एमबी तैयार करने पर इंजीनियर ने ₹8000 लिया है. वह मटेरियल भुगतान तो कर दिया लेकिन मजदूरी के लिए सचिव कमीशन मांग रहे हैं, यही कारण है कि अभी तक मास्टरोल तैयार नहीं किया गया। इस मामले में जिम्मेदार लोग पशु पालक से सुविधा शुल्क लेने के बाद भी जानबूझकर उनका भुगतान रोके हुए है. इसकी शिकायत पशुपालक ने जिले के अधिकारियों से भी की है लेकिन कोई कार्यवाही न होने से नाराजगी है. दूसरी ओर एक बार फिर पीड़ित पशुपालक ने जिलाधिकारी के यहां पत्र देकर न्याय और जांच की गुहार लगाई है।
विदित हो कि औराई विकास खंड के लक्ष्मणा गांव में चार पशु शेड का निर्माण कराया जाना था, जिसमें जिम्मेदार ब्लाक कर्मियों ने पशु शेड का निर्माण नहीं कराया बल्कि जो पैसा दिया उसका भुगतान हो गया लेकिन अन्य का भुगतान लटका दिया गया। पशुपालक और गांव के रोजगार सेवक के बीच हुई बातचीत का क्लीप इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है और ऑडियो में रोजगार सेवक द्वारा कहा जा रहा है कि एमबी के इंजीनियर को ₹8000 दिया गया है, जिसने भी दिया उसका पूरा भुगतान हो गया। ग्राम पंचायत अधिकारी मास्टर रोल बनाने के लिए कमीशन मांग रहे हैं, जब तक उनका शेयर नहीं मिलेगा…तब तक भुगतान संभव नहीं है। पशुपालक राजेश तिवारी ने कहा कि वह बाइक बेचकर शेड का निर्माण कराया है। शिकायत करने के बाद मामले के बारे में अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी अनजान बने हुए है। राजेश तिवारी ने खण्ड विकास अधिकारी को लिखे पत्र में बताया कि पशु शेड जो 19×13 है, जिसकी लागत ₹1लाख 55 हजार स्वीकृत है। जिसमें एमबी बनाने के लिए जेई ने रोजगार सेवक के माध्यम से 8 हजार की मांग की। जबकि पांच हजार रूपये देने का स्लीप भी है। रोजगार सेवक द्वारा घूस लेने के बाद भी अभी तक भुगतान नही किया। जबकि बीते वर्ष 20 और 22 दिसम्बर को ₹114620 का भुगतान अपने पिता के नाम करा लिया लेकिन शेड का निर्माण अभी तक नही हुआ। मजदूरी पास कराने के लिए लगातार घूस की मांग की जा रही है। और प्रकरण में लीपापोती की जा रही है। रोजगार सेवक से पूछे जाने पर कहते है कि जो करना हो कर लो मेरा कुछ नही होगा। पशु पालक राजेश तिवारी ने जिला प्रशासन से उक्त प्रकरण की औराई एसडीएम से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने तथा मजदूरी के पैसे का भुगतान करने की मांग की।