भदोही जनपद अंतर्गत ऊंज क्षेत्र के अकोढ़ा गांव में गुरु पूर्णिमा के मौके पर गुरू पूजन, भव्य सुन्दर कांड पाठ, प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया. जहां पर दूर-दूर से आये भक्तों ने गुरू का दर्शन किया और आशीर्वाद लिया. इस मौके पर डा. रामानंद त्रिपाठी ने गुरू पूर्णिमा की महत्ता और गुरू के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि गुरू की परम्परा अनादि काल से है और आने वाले समय में हमेशा रहेगी।
आगे कहा कि ईश्वर को प्रसन्न करने पर एक कामना पूरी होती है, जबकि गुरू प्रसन्न हो जाये तो संसार की सभी दुर्लभ मनोकामना भी पूर्ण हो जाती है। कहा कि चिंतामणि मिलने से चिंतन करने वाली वस्तु की प्राप्ति होती है, जबकि सच्चा गुरू का सानिध्य मिल जाये तो संसार की सभी वस्तुओं को प्राप्त किया जा सकता है। डा. रामानंद त्रिपाठी ने यहां तक कहा कि लोग वर्ष के सभी दिन तो अपने कार्यों में व्यस्त रहते है लेकिन गुरू पूर्णिमा के अवसर पर लोगो को गुरू के सानिध्य में रहकर कृपा पानी चाहिए.
गुरू की विशेष महत्ता – जो भी संसार में आयेगा उसे गुरू बनाना ही पडे़गा क्योकि बिना गुरू किसी का उद्धार नही हो सकता है. उपरोक्त बातें कहते हुए रामानंद महराज ने पौराणिक तथ्य के साथ समझाया कि साक्षात् भगवान राम व भगवान कृष्ण भी जब अवतार लिए तो उनको भी गुरू बनाना पड़ा. इसलिए गुरू की महत्ता संसार में सर्वोच्च है।
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