भदोही जनपद में यूं तो तहसीलदार आते-जाते रहते हैं लेकिन कोई बिरला ही होता है, जो क्षेत्रीय लोगों के दिल में जगह बना लेता है. कुछ ऐसी ही झलकियां अब हकीकत की धरातल पर दिख रही है, जिससे मानवता की दहलीज गौरवान्वित हो रही है.
जगजाहिर है कि भदोही जनपद में जहां भी तहसीलदार के नाम की चर्चा होती है, वहां एक नाम सुर्खियों में रहता है. आप समझ गए होगें की चर्चा तहसीलदार देवेंद्र यादव की हो रही है, जो बतौर तहसीलदार विभिन्न शहरों तक चर्चा के केंद्र में रहते हैं. एक बार फिर चहूंओर प्रशंसा हो रही है, जिसका कारण वृक्षारोपण, मामले का निस्तारण नहीं बल्कि अन्य है. एक ऐसा कार्य जो कोई भी सक्षम व्यक्ति मानवता की दहलीज पर कर सकता है लेकिन कमजोर इच्छाशक्ति के चलते यह पुण्यात्मक कार्य सभी को नसीब नहीं होता. खैर…अधिकतर क्षेत्रीय लोग ऐसे आपको जरूर नजर आ जाएगें, जो अधिकारियों के नकारेपन को मात्र कोसते हैं. फिर भी कोई न कोई अधिकारी जूगनूं सा विभाग रौशन रखता है. कुछ ऐसा ही जज्बेदार कार्य फिर कर दिखाया है, औराई के वर्तमान तहसीलदार देवेंद्र यादव ने….ज्ञानपुर में अपनी तैनाती के दौरान जहां उन्होंने एक गरीब परिवार के बीच खुशियां बांटी और बबलू नामक संविदा कर्मी के चार बच्चों को प्यार-दुलार दिया, वहीं अब उन्होंने उन चारों बच्चों को गोद ले लिया है. इन सभी बच्चों के शिक्षा-दीक्षा सहित अन्य खर्चों का भी जिम्मा तहसीलदार देवेंद्र यादव उठाएगें. ऐसे में जहां बच्चों के मां-बाप आभार व्यक्त कर रहे हैं, वहीं तहसीलदार साहब के इस पुनीत कार्य की क्षेत्रीय लोग भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहे हैं. फिलहाल तहसीलदार देवेंद्र यादव गुनगुना रहे हैं कि ‘साथी फर्ज अपना निभाए चलो, हर गली में कम से कम एक गरीब के घर, खुशियों का रौशन दीप जलाए चलो, यही मानव धर्म है, थोड़ा फर्ज निभाए चलो।’

तहसीलदार ने दिखाई ऐसी झलक, बड़े-बड़े किसान खुशमय, काटनें लगे तहसील का चक्कर.!!