शिक्षकों को गुरूजी का दर्जा दिया जाता है और छात्र-छात्राओं को शिष्य-शिष्या का. फिर भी इस कलयुग में कुछ हजारीलाल वेतनधारी शिक्षक-शिक्षिकाओं की कर्मठता खोती सी जा रही है. कुछ ऐसी ही आश्चर्यजनक जांच रिपोर्ट ‘गुरू पुर्णिमा’ के दिवस भी सुर्खियां बन गई..✍️
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त शिक्षा निदेशक विंध्याचल मंडल फतेह बहादुर सिंह ने शनिवार यांनी गुरू पुर्णिमा दिवस पर भदोही जिले में कुछ स्थानों पर अचानक उपस्थिति जांच कर दी. जहां अनुपस्थित मिले सहायक शिक्षक शिवकुमार शुक्ला के वेतन पर रोक लगाने का निर्देश बीएसए को दिया, वहीं टीम के साथ कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय औराई, बीआरसी पहुंचे. उसके बाद कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय ज्ञानपुर, बीआरसी का निरीक्षण किया करके कर्मचारियों की उपस्थिति, अभिलेखों रखरखाव, साफ-सफाई, बच्चों को मिलने वाली योजनाओं का स्टाक रजिस्टर पर विशेष ध्यान दिया. प्राथमिक विद्यालय बभनौटी प्रथम के निरीक्षण में साफ-सफाई न मिलने पर नाराजगी जताई। कंपोजिट विद्यालय उगापुर-औराई के निरीक्षण में शिक्षामित्र पूनम दुबे अनुपस्थित मिली।
अंतत: जिम्मेदारी का एहसास – संयुक्त शिक्षा निदेशक (विंध्याचल मंडल) फतेह बहादुर सिंह ने शिक्षकों में जिम्मेदारी का एहसास दिलाया कि आधुनिक युग में शैक्षणिक कार्यप्रणाली उतना आसान नहीं है, जितना समझा जा रहा है. मोहल्ला क्लास की फोटोग्राफ पोर्टल पर भेजा जाए. निरीक्षण की जानकारी मिलने जिले में शिक्षकों की धड़कने बढ़ी रही।