भदोही जनपद में इस बार युवाओं का बोलबाला है और चौतरफा युवा प्रत्याशी पसंद किए जा रहे हैं. फिर भी लगातार चुनाव हारने वाले भी मैदान में डटे हैं क्योंकि युवाओं को मौका देने के बजाय खुद पदाधीश बनना चाहते हैं. कुछ ऐसा ही नजारा तहसील ज्ञानपुर के अकोढ़ा गांव का भी है।
      गौरतलब है कि पिछले कार्यकाल में पारिवारिक तौर पर बीडीसी पद खींचकर लाने वाले युवा स्वतंत्र मिश्र (डब्बू) इस बार प्रधानी पद हेतु मैदान में डटे हैं. बुधवार को चुनाव चिन्ह ‘गदा’ मिलते ही गली-गली प्रचार-प्रसार करना शुरू कर दिए. ‘गदा’ को हनुमानजी आशिर्वाद मानते हुए युवाओं’ का ‘दीजिए साथ’, बुजुर्गों ‘सिर’ पर ‘रखिए हाथ’ कहते हुए नजर आ रहे हैं. यहां अकोढ़ा गांव में इनकी सीधी टक्कर पूर्व में जीते व हारे हुए प्रधान प्रत्याशियों से है। बताया जाता है कि दो दशक पूर्व स्वतंत्र मिश्र (डब्बू) के दादा पं. लक्ष्मी नारायण मिश्र तत्कालीन ग्राम प्रधान रहें, जब पर्यावरण के मद्देनजर वृक्षों से गांव हरा-भरा हुआ और शौचालय बनवाने की सरकारी योजना इस गांव में क्रियान्वित हुई. स्वतंत्र मिश्र कहते हैं कि “हम जीत के करीब तक पहुंच चुके हैं, यहां सर्व जाति-धर्म के युवाओं का साथ और बुजुर्गों का आशिर्वाद मिल रहा है. ब्राम्हण समाज के कुछ बुजुर्ग अपने परिवार पर दबाव बनाकर वोट कहीं और कराना चाहते हैं लेकिन अपेक्षा है कि चुनाव से पूर्व वो भी खुलकर हमारे साथ होगे. ऐसा आश्वस्त हमें कर रहे हैं।