सियासत की नगरी में जैसे ही पार्टियां सत्ता काबिज हो जाती है, वैसे ही संगठन पदाधिकारी मरणासन्न से हो जाते हैं. ऐसा यूपी-बिहार में ज़्यादातर होता है क्योंकि पार्टी कार्यकर्ताओं की जनहित मांगों पर उन्हीं की सरकार में सुनवाई नहीं होती. खैर…महाराष्ट्र में मुंबईया स्टाइल चलती है, जिसके तहत अपनी सरकार में पार्टियों के पदाधिकारी जनहित मांगों पर बल देते हैं।
  गौरतलब है कि महाराष्ट्र में जहां शिवसेना के साथ कांग्रेस-राकांपा की जुगलबंदी सरकार है, वहीं तीनों पार्टियों के संगठन पदाधिकारी जनहित मांगों पर सरकार का ध्यानाकर्षण कराने में जुटे हैं. एक ऐसी ही मांग लेकर कांग्रेसी पदाधिकारियों का शिष्टमंडल पालकमंत्री तक पहुंच गया. जी हां..आपने सही पढ़ा…मुंबई काँग्रेस के महासचिव सुर्यकांत मिश्रा ने शिष्टमंडल के साथ पालकमंत्री असलम शेख के समक्ष दस्तक दिया. इस दौरान पालकमंत्री का १२ वर्षों से लंबित पड़े गोरेगाव सिद्धार्थ नगर पत्राचाळ पुनर्विकास प्रकल्प पर ध्यानाकर्षण करवाया. इसी के साथ इस पर विशेष ध्यान देने हेतु वहां के रहिवासियों की भी मांग का पत्र सौपा. शिष्टमंडल में स्थानीय रहिवासी मंडल के पदाधिकारियों के साथ स्थानीय कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष समीर नाईक व गोरव राणे भी उपस्थित थे।

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