मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद पर पिछले वर्ष जब विधायक व मजदूर नेता अशोक अर्जुनराव जगताप उर्फ भाई जगताप को बैठाया गया था, तब आलाकमान पर मराठी कार्ड खेलने की सुर्खियां काफी चर्चित हुई थी. खैर..पार्टीगत नीतियां अभी भी बदली नहीं है, जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण ‘भाई जगताप’ की टीम में उत्तर भारतीय समाज के संघर्षवान योद्धा यांनी युवा कांग्रेसी कार्यकर्ता सूर्यकांत मिश्रा को महासचिव का पद मिलना है।
 जगजाहिर है कि कांग्रेस पार्टी में जहां संघर्षवान युवा कार्यकर्ताओं को हमेशा तवज्जो मिलती रही है, वहीं उत्तर भारतीय नेताओं का भी वर्चस्व रहा है. पिछले चुनाव से पूर्व ही कुछ दिग्गज उत्तर भारतीय नेताओं को भाजपा ने खींच लिया या यूं कहिए कि उन्होंने सरकार बदलते ही सत्ताधारी पार्टी का कदम चूंम लिया. फिलहाल जब विभिन्न पार्टियां आगामी चुनावों के मद्देनजर संगठन मजबूत कर रही है, तो मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप भी अपनी टीम में चुनिंदा व संघर्षवान सर्वजातिय कार्यकर्ताओं व नेताओं को अहम् जिम्मेदारी दे रहे हैं. इसी क्रम में पश्चिमी उपनगर के गोरेगांव-मालाड इलाके में गहरी पैठ रखने वाले सूर्यकांत मिश्रा को मुंबई प्रदेश कांग्रेस में महासचिव पद की जिम्मेदारी सौंपकर सम्मानित किया है. बताया जाता है कि संघर्षवान कांग्रेसी योद्धा सूर्यकांत मिश्रा कई वर्षों से कांग्रेस में सक्रिय हैं. इससे पहले भी वह मुंबई प्रदेश कांग्रेस सचिव पद का कार्यभार संभालने में अभ्यस्त रहे हैं. आमतौर पर मुंबई में रह रहे करीबन 40 लाख उत्तर भारतीय और अन्य परप्रांतीय वोट बैंक पर भी कांग्रेस द्वारा ध्यान रखा जाता रहा है, जिसके कारण सर्वजातिय टीम के सहारे मतदाताओं को आकर्षित करने का यह नायाब तरीका चर्चा में है।
दिग्गज नेताओं के साथ नाता – सूर्यकांत मिश्रा का कई दिग्गज नेताओं के साथ नाता रहा है, जिसमें मुंबई के पश्चिमी उपनगर में कांग्रेसी बतौर कार्य करते हुए वर्तमान कैबिनेट मंत्री असलम शेख व पूर्व सांसद संजय निरूपम से विशेष घनिष्ठता है. शायद यह कारण भी हो सकता है कि उक्त नेताओं की हरी झंडी के बाद ही महासचिव पद की जिम्मेदारी मिली हो।