देश की प्रतिष्ठित संस्था एकल श्रीहरि अपना रजत जयंती वर्ष मना रही है। इस उपलक्ष्य में संस्था के पदाधिकारियों राष्ट्रीय संरक्षक गोपाल कंदोई, राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यनारायण काबरा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती मीना अग्रवाल, संस्था के मुंबई शाखा अध्यक्ष विजय केडिया, उपाध्यक्ष श्रीमती मंजू केडिया व संयोजिका मीना अग्रवाल ने महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से भेंट कर उन्हें संस्था की गतिविधियों की जानकारी दी।
राज्यपाल कोश्यारी ने वनांचलों में निवास कर रहे वनवासी समाज के सार्वभौमिक उत्थान के लिए संस्था एकल श्रीहरि के द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्था जमीनी स्तर पर कार्य कर रही है यह सुखद है। इसे और विस्तार देने की आवश्यकता है। संस्था के राष्ट्रीय संरक्षक गोपाल कंदोई ने वनवासी समाज को शिक्षित करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे संस्था के एकल विद्यालयों के बारे में राज्यपाल को जानकारी दी, जबकि भारतीय धर्म-अध्यात्म और सनातन संस्कृति के प्रति जागरूक करने और उन्हें संस्कारित करने के उद्देश्य से चलाये जा रहे श्रीहरि रथ के बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यनारायण काबरा ने बताया। इस अवसर पर राज्यपाल के हाथों संस्था के पदाधिकारियों को वनवासी क्षेत्रों में किये जा रहे सेवा के उल्लेखनीय कार्यों में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मान-पत्र प्रदान किया गया। इससे पूर्व संस्था के पदाधिकारियों ने पुष्पगुच्छ देकर माननीय राज्यपाल का स्वागत किया। गौरतलब है कि देश के वनांचलों में निवास कर रहे वनवासी समाज को संस्कार पूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलम्बी बनाने के लिए एकल श्रीहरि पिछले 25 वर्षों से कार्यरत है। वर्तमान में संस्था के 70 हजार से भी अधिक संस्कार केंद्र हैं। इन संस्कार केंद्रों के माध्यम से वनवासी समाज को संस्कारपूर्ण शिक्षा प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा लगभग 50 श्रीहरि रथ का संचालन भी संस्था द्वारा किया जा रहा है, जो गाँव-गाँव घूमकर लोगों में सनातन धर्म के प्रति आस्था का भाव जगाने का कार्य कर रहा है। संस्था एकल श्रीहरि ने अपने इस रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में दो दिवसीय उद्घाटन समारोह आगामी 6-7 मार्च को दिल्ली में आयोजित किया है, जिसमे साध्वी ऋतम्भराजी, वरिष्ठ पत्रकार और इंडिया टीवी के रजत शर्मा, ज़ी टीवी के सुभाष चंद्रा तथा वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री रामबहादुर राय सहित कई अन्य विभूतियाँ अपना सान्निध्य और सम्बोधन प्रदान करेंगी।