जनवरी माह के तीसरे रविवार को कड़ाके की ठंड और कोहरे का आलम रहा। जहां दिनभर सूर्य देव के दर्शन नहीं हो सके वही शीतलहर के प्रकोप से बुजुर्ग और बच्चों के अलावा नौजवान भी सिहर उठे। नए साल के पहले पखवाड़े में ठंड से आमजन का जीवन अस्तव्यस्त रहा वहीं रविवार को ठंड ने सितम ढहा दिया। सुबह से ही सर्द हवा चल रही थी और आसमान में घने कोहरे की चादर बिछी हुई थी। ठंड से बचने के लिए लोगों ने घरों में हीटरों का सहारा लिया। इतना ही नहीं ठंड की वजह से बुजुर्ग बच्चे हैं और जवान घरों में कैद रहने को मजबूर रहे। केवल जरूरी काम से ही घरों से बाहर निकलें बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। वहीं प्रशासन द्वारा अलाव की भरपूर व्यवस्था न किए जाने से और राहगीरों और नागरिकों को ठंड से राहत नहीं मिल सकी।