किसान संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद में हिस्सा लेने जा रहे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की कथित नजरबंदी पर राजनीति गरमा गई है। अखिलेश ने इस मुद्दे पर सीधे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को ही पत्र लिख दिया और बाबाजी की पुलिस की शिकायत इस अंदाज में की ‘महोदय, मैं लोकसभा का सदस्य तथा समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पद पर अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन कर चुका हूं। किसानों के समर्थन में मेरा पूर्व घोषित कार्यक्रम 07.12.2020 को जनपद कन्नौज में लगा है। वहां सभी तैयारियां हो चुकी है। उत्तर प्रदेश की सरकार के निर्देश पर मुझें कार्यक्रम में जाने से रोका गया है। विक्रमादित्य मार्ग लखनऊ स्थित मेरे आवास पर भारी पुलिस बल लगा है। मेरे वाहनों को भी पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। राज्य सरकार का यह अलोकतांत्रिक व्यवहार मेरे नागरिक अधिकारों का हनन है। यह मामला सांसद होने के नाते विशेषाधिकार के हनन का भी है। कृपया तत्काल हस्तक्षेप करें ताकि अपनी लोकतांत्रिक गतिविधियों को सम्पन्न करने का मेरा अधिकार बहाल हो सके।‘ लोकसभा अध्यक्ष ने इस पत्र पर कितना ध्यान दिया यह तो पता नहीं अलबत्ता अखिलेश को लखनऊ में ही धरना-प्रदर्शन कर किसानों के मुद्दे व बंद का समर्थन करना पड़ा। आगे संसद में क्या वे क्या करेंगे पता नही। पर अपुन को इतना जरुर पता है कि इसी तरह के व्यवहार पर बाबाजी सांसद रहते सदन में विलाप योग कर चुके हैं।

Advertising
Advertisement https://youtube.com/@BMB-TIMES