महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में फैले रियल एस्टेट के कारोबार में धीरे-धीरे ठगहारों ने भी गहरी पैठ बना ली है, जिसके कारण आए दिन आसियानां की तलाश में कुछ मजबूर खरीददारों से किसी ना किसी बहाने ठगी का मामला सामने आता रहता है. ताजा मामले में एक चर्चित उत्तर भारतीय राकांपा नेता का भाई सलाखों में पहुंचा है…✍️
मुंबई प्रवेशद्वार कल्याण के समीप बसे टिटवाला पुलिस स्टेशन के अंतर्गत एक बिल्डर द्वारा 2 फ्लैट की बिक्री करके बुकिंग के पैसे और ग्राहक के नाम पर बैंक लोन के लाखों रुपए लेकर भी फ्लैट नहीं देने का मामला सामने आया है, जिसके बाद पीड़ित की शिकायत पर कल्याण तालुका टिटवाला पुलिस ने आरोपी बिल्डर विमलेश रामसकल तिवारी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करके जेल पहुंचा दिया है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक उत्तर भारतीय बिल्डर विमलेश उर्फ विमल तिवारी ने टिटवाला के पास गुरवली में 8 बिल्डिंग बनाने का काम शुरु किया है, जिसमें फरियादी संतोष सिंह परिहार ने कमलेश तिवारी को 1 लाख 20 हजार रुपये बुकिंग के लिए दिए और बिल्डिंग नंबर 4 में 2 फ्लैट बुक किया था। संतोष सिंह का आरोप है कि फ्लैट पर लोन दिलाने की बात कहकर बिल्डर विमेलश तिवारी ने उससे सभी जरूरी कागजात लिए और आँस्पायर होम फायनान्स कंपनी से 13 लाख का कर्ज निकाल लिया. उसके बाद आधार हाऊसिंग फायनान्स से भी 14 लाख 50 हजार रुपए का कर्ज निकाल लिया और उक्त पूरी रकम अपने पास रख ली. उसके बाद एक भी फ्लैट नहीं दिया और फ्लैट देने में आनाकानी (टालमटोल) करने लगा।
खुद के साथ लाखों रुपए ठगे जाने का जब संतोष सिंह परिहार को एहसास हुआ तब उन्होंने टिटवाला पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत को गंभीरता लेते हुए वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बालाजी पंधारे ने आरोपी विमलेश उर्फ विमल तिवारी को गिरफ्तार कर आधारवाड़ी जेल भेज दिया है..
चुनाव से पूर्व सियासत गर्म – कुछ ही महीनों बाद कंडोमपा अंतर्गत नगर सेवक पद हेतु चुनाव होना है. ऐसी घड़ी से पूर्व ही उत्तर भारतीयों के नाम सियासत करने वाले राकांपा नेता पारसनाथ तिवारी को करारा झटका लगा है. बताया जा रहा है कि ठगी में जेल गया आरोपी विमलेश तिवारी राकां नेता पारसनाथ तिवारी का ही छोटा भाई है, जिस कारण मुख्यतः से कल्याण-डोम्बिवली व टिटवाला सहित अन्य क्षेत्रों में भी यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। उत्तर भारतीय बिल्डर द्वारा उत्तर भारतीय खरीददार को ठगने का यह कोई पहला मामला नहीं है बल्कि इसके पहले भी उत्तर भारतीय बाहुल्य क्षेत्रों से ऐसे कई मामले समक्ष आए है। इसी कल्याण मेें एक तथाकथित तिवारी बिल्डर द्वारा कई खरीददारों को ठगने का मामला सुर्खियों में रहा था जिसमें उत्तर भारतीयों की संख्या ज्यादा थी।
नामी-गिरामी बिल्डर परेशान – महाराष्ट्र के वसई-विरारवसई-विरार, नालासोपारा सहित कल्याण-टिटवाला में कई उत्तर भारतीय बिल्डरों ने रियल एस्टेट के क्षेत्र में गुणवत्ता व इमानदारी से कार्य करके उपलब्धियां हांसिल की है लेकिन इसी क्षेत्र में नये-नये बिल्डरों द्वारा खरीददारों से ठगी करने के मामले से दुखी हैं। खैर…जब बात उत्तर भारतीय समाज की आती है तो, किसी पीड़ित को शायद ही एकाध नेता-समाजसेवी हैं जो न्याय दिलवाएं हैं अन्यथा हमसे पूछकर सस्ते में फ्लैट खरीदने गए थे क्या.? ऐसा कहकर पल्ला झाड़ते नजर आए हैं।
