अपनी बेबाकी के लिए मशहूर भाजपा नेता व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका को सिरे से खारिज कर दिया है। स्वामी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन की तैयारी जोरों शोरों से हैं और प्रायोजित प्रचारतंत्र राम मंदिर निर्माण का श्रेय मोदी को दे रहा है।

गौरतलब है कि एक निजी चैनल से बातचीत में स्वामी ने साफ कहा कि राम मंदिर निर्माण में प्रधानमंत्री मोदी का कोई योगदान नहीं है, उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे ये कहा जा सके कि राम मंदिर पर फैसला उनकी वजह से आया हो। राम मंदिर को लेकर हमने सभी तर्क और प्रमाण के साथ अदालत में बहस की। सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया, जिसे मंदिर के निर्माण के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के लिए एक कारक कहा जा सकता है। स्वामी के अनुसार अगर राजीव गांधी दोबारा पीएम बनते तो राम मंदिर पर फैसला कब का हो चुका होता। राजीव गांधी ने विवादित स्थल का ताला खुलवाया था और शिलान्यास की अनुमति दी थी। लेकिन अचानक उनके निधन से सबकुछ बदल गया। इस बातचीत में स्वामी अपना दर्द बताना भी नहीं भूले कि पांच साल से राम सेतु की फाइल मोदी की टेबल पर पड़ी हुई है, लेकिन अभी तक उस पर साइन नहीं किया गया है। मैं कोर्ट जाकर आदेश निकलवा सकता हूं, लेकिन बुरा लगता है, जब अपनी ही पार्टी की सरकार हो और कोर्ट जाना पड़े। उन्होंने भूमि पूजन में भेजे गए निमंत्रण को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि- जिन लोगों को असल में निमंत्रण जाना चाहिए था, उन्हें नहीं गया। ध्यान देने योग्य है कि राम मंदिर भूमि पूजन के लिए स्वामी को न्योता नहीं दिया गया है। उन्होंने साफ कहा कि अगर न्योता मिलता भी तो वह भूमि पूजन में नहीं जाते। फिलहाल इस खुलासे के बाद सेे श्रेय की सियासत को झटका लगा ‘मोदी भक्त’ बौखलाहट में हैं।

उपरोक्त खबर वरिष्ठ लेखक व पत्रकार अजय भट्टाचार्य के लेख स्तंभ से साभार है…खबर या प्रतिक्रिया ‘सशक्त समाज न्यूज’ पर सिर्फ EMAIL भेजिये, 9892746387 पर संपर्क भी कर सकते हैं…