भदोही जनपद के सुरियावां ब्लॉक अंतर्गत जमुनीपुर अठगवां में सरकारी धन की धोखाधड़ी में जेल गए सचिव पर निलंबन की विभागीय कार्रवाई हो गई. उक्त कार्यवाही के बाद विभिन्न गांवों के शिकायतकर्ताओं में आशा की किरण जगी है कि शायद धूल फांक रही फाइलें खुल जाये और उनके ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी की धांधली सामनें आ जाये. इसके लिए पुराने शिकायत पत्रों पर झूलती जांच को पैरवी की आंच भी दिया जा रहा है। ऐसी स्थिति में भ्रष्टाचार से लाखों-करोड़ों बनाने वाले सेकेट्ररियों के साथ ग्राम प्रधानों में भी हड़कंप नजर आ रहा है।
गौरतलब है कि सत्ता-शासन के समक्ष कागजी कमाल रखकर अधिकांश सचिव सरकारी बजट में बंदरबाट करने में माहिर होते हैं। ऐसे ही सचिवों में से एक रहे हैं संतोष सिंह, जोकि कई गांव में तैनाती के दौरान घपलेबाजी करके बचते रहे लेकिन पुलिस और प्रशासन का चाबुक जमुनीपुर अठगवां में आखिरकार पड़ गया। जिले की बड़ी ग्राम पंचायतों में शामिल जमुनीपुर अठगवां में प्रधान पुत्र संग मिलकर प्रधान के फर्जी हस्ताक्षर से खेल करने में वह फंस गए। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक ग्राम प्रधान खुद मैदान में उतरीं तो सचिव सलाखों में पहुंच गये। जमुनीपुर अठगवां से सचिव को इस कदर प्रेम था कि दूसरे क्षेत्र में भेजने के बाद भी वह ऐनकेन प्रकारेण वापसी कर लेता था। तीन दिन पूर्व जालसाजी के मामले में गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया। उसके बाद विभागीय कार्रवाई भी की गई। फिलहाल भदोही जनपद के कई सचिव ऐसे हैं, जो ग्राम प्रधान के खिलाफ भ्रष्टाचार के शिकायतों की फाइलें विभाग में दबवाये बैठे हैं, ताकि उनका गला ना फंसे। फिलहाल जिला पंचायत राज अधिकारी बालेशधर द्विवेदी ने कहा कि उपरोक्त सचिव के खिलाफ पूर्व की जांचे भी लंबित है। जल्द ही सभी जांच को पूर्ण कराया जाएगा।
राजनेता ही फंसाते हैं…– भदोही जनपद के एक उच्च शासनिक अधिकारी ने अनौपचारिक तौर पर ‘सशक्त समाज न्यूज’ से बातचीत में कहा कि कुछ सचिव राजनेताओं की पैरवी विभाग में करवाकर क्षेत्र में उनके साथ मिलकर भ्रष्टाचार का हिस्सा बंदरबांट करते हैं। ऐसे सचिवों को पता नहीं है कि जब उक्त नेता कार्यवाही सेे मुसीबत में फंसते हैं तो बगली निकलते हुये बलि का बकरा बनाकर सेकेट्ररी को ही फंसा देते हैं। ऐसे में सत्ता के संरक्षण से नियमों को ताख पर रखकर सरकारी योजनाओं का पलीता लगाने वाले सेकेट्ररी सावधान रहें क्योंकि शासनिक प्रणाली संविधान व सिस्टम से संचालित है, जिसके कारण किसी सेकेट्ररी के कार्य व कर्मों की फाइल एक साधारण इंसान भी खोलवा सकता है।

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