उत्तर प्रदेश में भदोही जनपद के ज्ञानपुर विधायक विजय मिश्रा पर मौत का खतरा मंडरा रहा है। ऐसा दावा मुख्यमंत्री सहित पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारियों को लिखे पत्र में वे पहले ही कर चुके हैं लेकिन आरोपों से घिरे ज्ञानपुर ब्लाक प्रमुख मनीष मिश्रा के पिता रिटायर्ड ‘सीओ साहब’ द्वारा पुष्टि के बाद सनसनी फैल गई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ज्ञानपुर विधायक विजय मिश्रा और ब्लाक प्रमुख मनीष मिश्रा के बीच चल रहे विवाद में शुक्रवार को नया मोड़ आ गया। विधायक के समर्थन में ब्लाक प्रमुख के पिता एवं सेवानिवृत्त सीओ रामजी मिश्रा उतर गये। जिला पंचायत के सभागार में पत्रकार वार्ता कर उन्होंने अपने बेटे पर राजनीतिक महत्वकांक्षा के चलते विधायक की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया। साथ ही उनकी संपत्ति की सीबीआइ और ईडी से जांच कराने की मांग की। उन्होंने बताया कि केबिनेट मंत्री नंदगोपाल नंदी पर रिमोट बम से हमले के आरोपित दिलीप मिश्रा और ब्लाक प्रमुख का नाता है। दिलीप ने ही मनीष के पुत्र की शादी करवाई है। अंसारी पर कानूनी शिकंजा कसने व मुन्ना बजरंगी की मौत के बाद उनके शूटर ब्लाक प्रमुख के नवधन स्थित आवास पर ठहरते थे। जिस दिन पुलिस ने छापा मारा, उस दिन मनीष अपने वाहन से कथित भाजपा नेता के यहां दिलीप को पहुंचाए थे। कहा कि मऊ में मैं खुद पुलिस इंस्पेक्टर और सीओ रह चुका हूं। विजय मिश्रा से मुख्तार का कोई नाता नहीं रहा है। ज्ञानपुर से चुनाव लड़ने के लिए मनीष, मेरे भाई की हत्या कराना चाहते हैं। इसकी पुष्टि मनीष के बेटे के ऑडियो से हो सकती है। कौलापुर के कृष्णमोहन तिवारी ने आरोप लगाया कि ब्लाक प्रमुख और एक कथित सज्जन कुमार के नाम से फर्जी तरीके से असलहे का लाइसेंस ले लिया गया है जबकि वह कभी कौलापुर नहीं रहे हैं। दूसरी तरफ उक्त रिपोर्ट में ही अखबार ने ज्ञानपुर ब्लाक प्रमुख की प्रतिक्रिया प्रकाशित की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘रामजी मिश्र हमारे पिता हैं, उनके संबंध में मैं कुछ भी नहीं बोल सकता हूं। उनके हिस्से की एक धूर भी जमीन मैं नहीं लिया हूं। वह अपने चार पुत्रों को पूरी संपत्ति दिए हैं। जब से उनके एक बेटे की मौत हुई है तब से उनका दिमागी संतुलन ठीक नहीं चल रहा है। रामजी मिश्रा अभी कुछ दिन पहले दिलीप मिश्रा से सीधे बात किए थे। वह उन्हें आशीर्वाद भी देते हैं। कौलापुर मेरे भाई की ससुराल है।’

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