मुंबई के प्रवेशद्वार पर बसा कल्याण-डोंबीवली क्षेत्र उत्तर भारतीयों का गढ़ माना जाता है, यहां के लोगों ने दूसरी बार भी डा. श्रीकांत शिंदे को युवा सांसद बतौर दिल्ली भेजा हैं। फिर भी यहां की गलियों में निरंतर भटकने से इन्हें ‘जन-जन’ का चहेता कहा जाता है। डा. श्रीकांत शिंदे के सक्रिय कार्यों बखानते हुये स्थानीय शिवसैनिक सर्वेश उपाध्याय यूपीवादी नेताओं पर तंज कसते हुये कह रहे हैं कि ‘भईआ जी’ यूपी नहीं, यह महाराष्ट्र है।
गौरतलब है कि सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे द्वारा अपने संसदीय क्षेत्र के कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका, उल्हासनगर महानगरपालिका तथा अंबरनाथ नगरपरिषद को एक हजार लीटर सैनिटाइजर व डेढ़ हजार लीटर सोडियम हायपोक्लोराइड दिया गया, ताकि इसका प्रयोग कर संसदीय क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित रखा जा सके। कोरोना के इस संकटकाल में बचाव के तौर पर सैनिटाइजर से हाथों की साफ-सफाई तथा सोडियम हाइपोक्लोराइड के छिड़काव से इससे बचा जा सकता है लेकिन इस समय भारी मांग के चलते यह काफी महंगा बिक रहा है तथा आसानी से आम आदमी को उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, जिसे देखते हुए सांसद शिंदे द्वारा इसे उपलब्ध कराया गया है। काफी मात्रा में सैनिटाइजर व छिड़काव की सामग्री मिलने से कल्याण-डोंबिवली मनपा द्वारा सांसद के प्रति आभार प्रकट किया गया है। इस अवसर पर महापौर विनिता राणे, मनपा आयुक्त डॉ. विजय सूर्यवंशी, नगरसेवक विश्वनाथ राणे, रमेश जाधव समेत कई लोग मौजूद रहे।
यह ‘यूपी’ नहीं…कल्याण शहर प्रमुख युवा शिवसेना नेता सर्वेश उपाध्याय कहते हैं कि ‘इस कोरोना संकट में निरंतर हम शिवसैनिकों की टीम व शिवसेना नेतागण बिना जाति व प्रांतवाद का परहेज किये राहत सामग्री वितरण के बाद श्रमिक ट्रेन कल्याण से छोड़वाकर मदद कार्य में जुटे हैं। हमारे सांसद श्रीकांत शिंदे खुद नीजी स्तर पर मदद कार्यों को योजनागत तरीके से स्थानीय जनता तक पहुंचाने हेतु गलियों में नजर आ रहे हैं, चूंकि खुद डाक्टर भी हैं तो संक्रमण रोकने के लिए सुरक्षात्मक दवाओं के छिड़काव पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं। यूपी के कई सांसदों के लापता बैनर को सोशल मीडिया पर देखनें बाद यूपीवादी राजनीति से प्रेरित नेताओं पर अंतत: तंज कसते हुये बोल पड़े कि ‘भईआ जी ‘यूपी’ नहीं, यह ‘महाराष्ट्र’ है…सांसद भी गलियों में नजर आते हैं।

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