भगवान परशुराम की जयंती उत्तर प्रदेश में भले कई स्थानों पर मनाई गई हो लेकिन उनके भक्तों की नजरें भदोही जनपद के ज्ञानपुर विधायक विजय मिश्रा पर टिकी थी, जिनके आवासीय प्रांगण में भी शनिवार को परंपरागत तरीके से ‘लॉकडाउन’ के कारण एकांतरूपेण भगवान परशुराम को विधि-विधान पूर्वक पूजा गया, जहां उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया। मुख्यत: भगवान परशुराम के भक्तों की नजरें यहां इसलिये टिकी थी क्योंकि एक भव्य मंदिर बनवानें का संकल्पित वादा विधायक द्वारा किया गया था, जोकि संकल्पपूर्ति पथ पर है।
गौरतलब है कि धनापुर में आयोजित कार्यक्रम में आचार्य रामानुज पांडेय ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन संपन्न कराया। ज्ञानपुर विधायक विजय मिश्र ने कहा कि भगवान परशुराम अन्याय को कभी नहीं सहते। भगवान परशुराम भारत की ऋषि परंपरा के महान वाहक हैं, उनका शस्त्र और शास्त्र दोनों पर ही समान अधिकार था। गंगा पुत्र भीष्म, आचार्य द्रोण और कुंती पुत्र कर्ण जैसे महायोद्धा उनके शिष्य थे। भगवान परशुराम का मानना था कि अन्याय करना और सहना दोनों ही पाप हैं। इसलिए उनका फरसा सदैव अन्याय के खिलाफ उठा है। जब उन्हें यह ज्ञात हो गया कि धरती पर भगवान श्रीहरि ने सातवां अवतार श्रीराम के रूप में ले लिया है, तब उन्होंने अपने क्रोध की ज्वाला को शांत करने और तपस्या के उद्देश्य से महेंद्रगिरि पर्वत का रुख किया। मान्यता है कि भगवान परशुराम आज भी महेंद्रगिरि पर्वत पर चिरकाल से तपस्यारत हैं।
संकल्पपूर्ति हेतु वचनवद्ध – ज्ञानपुर विधायक विजय मिश्रा ने पूर्व संकल्प को दोहराते हुये घोषणा किया कि वहिदा मोड़ पर विशालकाय भव्य परशुराम मंदिर बनेगा। उसके साथ ही भगवान शिव, दुर्गा और कृष्ण मंदिर भी बनेंगे। वेदपाठी संस्कृत विद्यालय संग एक आधुनिक गौशाला भी बनेगा। लॉकडाउन खत्म होने के बाद सभी काम शुरू हो जाएंगे। वेद पाठशाला में गरीबों को 10 रूपये में पेट भर भोजन ट्रस्ट की ओर से दिया जाएगा। इस मौके पर श्रीनिवास चतुर्वेदी, बुल्लारी शुक्ला, मुन्ना पांडेय, विनोद तिवारी, सत्यम शुक्ल, राहुल तिवारी, उत्सव तिवारी, शिवम तिवारी, ऋतिक, शिवा तिवारी, ऋतुराज शुक्ला, पवन मालवीय, अंबुज, प्रज्जवल, रजत, प्रभात, पवन, अंकुर पांडेय आदि रहे।
