महाराष्ट्र में जन-जीवन को पुन: यथावत पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने वीडियो संदेश के जरिए जनता को आश्वासन दिया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि धीरे-धीरे राज्य में कई उद्योग इकाइयों का कार्य शुरू करने का प्रयास जारी है।

गौरतलब है कि कोरोना कहर के बीच महाराष्ट्र में 20 अप्रैल से लॉकडाउन में ढ़ील देने का निर्णय रहा, जिसके तहत कुछ व्यावसायिक और वित्तीय गतिविधियां शुरू होंगी। शिवसेना के हिन्दी मुखपत्र की खबर के मुताबिक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि हम कुछ उद्योग और वित्तीय गतिविधियां शुरू कर रहे हैं। कोरोना संकट से बाहर आने के बाद हम वित्तीय संकट में पड़ जाएंगे, इसलिए हम कुछ व्यावसायिक गतिविधियों को सीमित तरीके से धीरे-धीरे शुरू कर रहे हैं। अच्छी बात ये है कि हमारे कई जिलों में एक भी कोरोना का केस नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि हम ग्रीन और ऑरेंज जोन में आनेवाली कुछ इंडस्ट्रीज को शुरू करने की इजाजत देते हैं। राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों से उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं आपसे वादा करता हूं कि कोरोना संकट खत्म होते ही महाराष्ट्र सरकार आपको अपने घर पहुंचाएगी और हम चाहते हैं कि आप खुश होकर अपने घर जाएं, डरकर नहीं। उन्होंने आगे कहा कि हम केंद्र के साथ बातचीत कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि आनेवाले दिनों में एक समाधान निकलेगा। आप लोग चिंता मत कीजिए। हम धीरे-धीरे महाराष्ट्र में काम शुरू कर रहे हैं। अगर ये संभव है कि आप काम पर वापस आ सकते हैं, तो आप अपनी आजीविका जारी रख सकते हैं।

95 प्रतिशत रिपोर्ट निगेटिव – 66 हजार आकड़ो पर विचार व्यक्त करते हुये मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट किया है कि इनमें से 95 फीसदी निगेटिव और लगभग 3,600 पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से लगभग 350 से ज्यादा ठीक हो गए हैं। 75 प्रतिशत लोगों मे लक्षण नहीं हैं या फिर बहुत कम लक्षण हैं। 52 मरीज गंभीर हैं, हम लोगों का जीवन बचाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि 3 मई तक मुंबई में सबर्बन ट्रेनें नहीं चेलेंगी।

घरेलू हिंसा चिंताजनक – लॉक डाउन के दौरान राज्य में घरेलू हिंसा के मामलों पर उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने महिलाओं से इसकी शिकायत 100 नंबर पर दर्ज करवाने की अपील की है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मुंबई और पुणे जो कि रेड जोन में हैं, वहां घर-घर जाकर अखबार नहीं पहुंचाए जाएंगे।

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