सरकार ने महिलाओं को खाना बनाते समय धुंआ न लगे, खाना जल्दी बन जाये और प्रदूषण भी कम हो….इसी को ध्यान में रखकर उज्ज्वला योजना लागू किया। इस योजना के माध्यम से बेशक देश की महिलाओं को काफी राहत मिली। उज्ज्वला योजना में गैस एजेंसी की महत्वपूर्ण भूमिका है लेकिन गैस एजेंसी संचालको द्वारा मनमानी और लापरवाही की शिकायतें लगातार सुनने और देखने को मिलती है। फिर भी संबंधित विभाग के लोग पता नहीं किस मायावी प्रेम में, एजेंसी संचालक के ऊपर कार्यवाही नही करते है। नौनिहालों को भी गोदाम संभालने के लिये झोंक दिया गया, जिसके कई प्रत्यक्ष प्रमाण सामने आते रहे हैं।
भदोही जनपद के कोईरौना क्षेत्र अन्तर्गत ईनारगांव में स्थित एक गैस एजेंसी की मनमानी और लापरवाही भी समक्ष है, जो सच में संबंधित विभाग की लापरवाही या एजेंसी संचालक के मनमानी का उदाहरण पेश करता है। इस एजेंसी से दूसरे के नाम पर कनेक्शन जारी करने की शिकायत की गई है, जो लोगों में आक्रोश का कारण बना है। इसके अलावा इस एजेंसी के एक ऐसे कारनामे का ‘स्टिंग आपरेशन’ हुआ है, जो एजेंसी संचालक के साथ साथ विभाग के लापरवाही की पोल खोलने में काफी सहायक है। इस वीडियो में एक आठ-नौ वर्ष का बालक एजेंसी के गैस गोदाम का गेट खोलकर ग्राहक को दूसरा गैस सिलेण्डर दे रहा है। आखिर इस मासूम को इस जगह पर क्यों कार्य करने भेजा गया.? यह नौनिहाल इतना मजबूत नही है कि सिलेण्डर उठा सके लेकिन चंद कौड़ियों की कमाई में मदमस्त एजेंसी संचालक को फर्क नहीं पड़ता। जब कोई घटना होती है, तब संबंधित विभाग के लोग सिर पर पैर रखकर मामले की लीपापोती करते और संभालते हुए देखे जाते हैं। यह तो ईनारगांव उदाहरण मात्र है, जिले में अधिकतर गैस एजेंसी संचालक लापरवाही व मनमानी करते बाज नही आते। आखिरकार मनमानी से एजेंसी संचालक बाज भी क्यों आये, नेता या विभाग व अधिकारी का वरदहस्त प्राप्त है। क्षेत्रीय समाजसेवी कहते हैं कि लापरवाही और मनमानी पूर्ण कार्यों को संज्ञान में लेकर कार्यवाही करने से अधिकारी निरंतर कतराते है, जिसकी वजह से इस तरह एजेंसी संचालकों के मनोबल में वृद्धि हो रही है लेकिन भविष्यत: यदि कोई भयावह घटना हुई तो सिर्फ सिर पीटने के शिवाय कुछ नहीं बचेगा।
