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कोरोला वायरस को लेकर जहां सरकारी-गैर सरकारी कार्यालयों की बंदी शुरू हो गई है, वहीं न्यायालय से लेकर सुप्रसिद्ध मंदिरों में देवी-देवता भी छूट्टी कर दिये हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देशवासियों से सुरक्षा दृष्टि हेतु घर से बाहर नहीं निकलने का आग्रह कर रहे हैं। ऐसे में सदैव सेवाभावी रहने वाला तबका खौफनाक मंजर में भी डियुटी बजाने पर मजबूर है। सबसे सशक्त नेटवर्क रेलवे से जुड़े लाखों कर्मचारी भयभीत हैं लेकिन डियुटी पर डटे हैं। हजारों की भीड़ में भयभीत होना भी लाजमीं है।

फिलहाल दिल्ली-पुणे जैसे कई रूट पर ट्रेन की फेरी बंद करके रेलवे ने विशेष प्रयास किया है। यूपी-बिहार रूट पर चलने वाली ट्रेनों को रोक पाना जहां काफी मुश्किल है, वहीं पैंट्रीकार में दिहाड़ी वेंडर बतौर कार्य करने वालों का दुखड़ा दर्दनाक है। ‘सशक्त समाज’ न्यूज नेटवर्क टीम ने मुंबई से बिहार रूट पर चलने वाली 13201/13202 ट्रेन के पैंट्रीकार का जायजा लिया। जहां एक ओर ‘कोरोना’ के खौफ से वेंडरों के चेहरे का रंग उड़ा है, वहीं वे अपने भाग्य को कोषते नजर आ रहे हैं। वेंडरों का स्पष्ट कहना है कि आखिर कुछ दिनों तक उन्हें छूट्टी क्यों नहीं दे दी जाती..जगजाहिर है कि कांट्रेक्ट पर कार्य करने वाले यह वेंडर हजारों यात्रियों के बीच से रोजाना गुजरते हैं। इतना ही नहीं ट्रेन मुंबई अथवा बिहार पहुंचने के बाद स्टेशन पर ही वापसी हेतु रहना पड़ता है। दिनभर की मजदूरी के बाद यह वेंडर बड़ी मुश्किल से ५०० से ८०० रूपये कमाकर अपना परिवार चलाते हैं। फिलहाल जहां हजारों यात्रियों के बीच से गुजरने वाले वेंडर सावधानी बरत रहे हैं और भयभीत हैं, वहीं मेल-एक्सप्रेस रूकने को तैयार नहीं है।

मैनेजर मजबूर, साध लिये चुप्पी..पैंट्रीकार के मैनेजर बबलू सिंह से ‘सशक्त समाज’ न्यूज नेटवर्क टीम ने बातचीत करने की कोशिश की, तो उन्होंने भी चुप्पी साध ली। इसका मुख्य रहस्य है कि भयभीत तो सब हैं लेकिन नौकरी खतरें में ना पड़ जाय, इसलिये मौन धारण में ही भलाई समझ रहे हैं। मैनेजर ने इतना जरूर कहा कि यदि रेलवे अधिकारी या पैंट्रीकार कंपनी से कुछ निर्णय आयेगा तो ही कुछ संभव है।

पैंट्रीकार संचालक भी मजबूर…पैंट्रीकार संचालक कंपनियों के मालिक भी चाहते हैं कि रोजाना सेवा दे रहे वर्करों को ‘कोरोना’ के भय से बचाया जाय व कुछ दिनों की छूट्टी दे दी जाय लेकिन आईआरसीटीसी व रेलवे के अधिकारियों द्वारा कोई ठोस निर्णय नहीं आ रहा है। ऐसी स्थिति में प्रति फेरी निर्धारित धनराशि पैंट्रीकार वेंडरों को छूट्टी देकर कहां से भरा जायेगा।

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