भदोही जनपद में शासनिक-प्रशासनिक अधिकारियों की सक्रियता तो है लेकिन स्वास्थ्य जांच मशीनरी की किल्लत सदैव रही है। इस परिस्थिति में भी स्वास्थ्य विभाग ‘कोरोना’ जैसी महामारी के खिलाफ बखूबी अपना धर्म निभा रहा है लेकिन समाजसेवकों व संगठनबाजों में महामारी वायरस के विरुद्ध सेवाभावी इच्छा शक्ति शायद नहीं जग पाई है। ऐसे में जुगनू ही सही लेकिन एक अलख बाबा पाण्डवानाथ कावरिया सेवा सिमिति ने जगाया। शायद यह दर्पण खबर चेतना का स्वर भदोही में बन पाये।

गौरतलब है कि ‘करोना’ जैसी महामारी से निपटने के लिये ‘लाॅक डाऊन’ के बाद तत्परता दिखाते सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घर-घर सब्जी-दूध पहुंचवाने की मुहिम छेड़ते हुये सभी प्रदेश वासियों को घरों से ना निकलने की हिदायत दे दी है, वहीं सांसद-विधायक अपनी नीधि को अवमुक्त करके भदोही डीएम से मास्क व सेनेटाईजरिंग छिड़काव की अपील कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डालर नगरी भदोही का कई बार विभिन्न जिलों के साथ जीक्र किया क्योंकि यहां मुंबई व दिल्ली शहरों से हजारों की संख्या में लोग पिछले सप्ताह पहुंचे हैं, जिनके स्वास्थ्य जांच को प्रमुखता से शिनाख्त करके करने को कहा लेकिन ‘करोना’ के प्रथम चरण करीबन बीतने के बाद भी कोई विशेष पहल धारा १४४ के आलावा संक्रमण रोकने हेतु ग्रामीण धरातल पर नजर नहीं आ रही है।

फिलहाल बाबा पाण्डवानाथ कावरिया सेवा समिति कौलापुर ने निशुल्क 500 मास्क वितरण करके उदासीनता में अलख जगाने का प्रयास किया है, जबकि स्थानीय ग्राम प्रधानों में भी गांव को संक्रमण से बचाने हेतु कोई कर्मठता कार्य नहीं दिख रहा है। अंकित विनोद पाण्डेय द्वारा इस महामारी को देखते हुए उपरोक्त संस्थागत मास्क वितरण का यह निर्णय लिया गया। मास्क वितरण टीम में सक्रियता दिखाते हुये सन्तोष तिवारी, मनीष पांडेय, विकाश यादव, सोनु लाला, गुलाम गौस आदि ने घर-घर जाकर संक्रमण से बचने हेतु जागरूकता संदेश के मास्क वितरण किया।स्थानीय लोगो ने इस कार्य की जहां सरहाना की, वहीं आयोजक अंकित पाण्डेय ने बताया कि इस सेवाभावी कार्य मे अजय मिश्रा, जितेंद्र मिश्रा, अशोक राजभर, शिव मोबाइल, विनोद दुबे, मुकेश शुक्ल, राजेश तिवारी, ओमप्रकाश यादव, राम उजागिर हरिजन, इंसाफ सेवा संस्था आदि ने अपने सहयोग से अहम भूमिका निभाया। जगजाहिर है कि उपरोक्त संस्था द्वारा निशुल्क सात दिवसीय कावरियों के लिए निशुल्क दवा, नास्ता, भोजन उपलब्ध कराने कार्य होता पूर्ववत होता रहा है। आयोजक अंकित पाण्डेय कहते हैं कि ‘करोना’ जैसी महामारी से निपटने के युवा टीम को कदम आगे बढ़ाना चाहिये क्योंकि गांव-समाज की गलियों में जागरूकता मुहिम से ही इस महामारी के संक्रमण रोका जा सकता है।

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