माननीय विधायक रवीन्द्र नाथ त्रिपाठी विधायक-भदोही जी आपको शायद जानकारी होगी फिर मैं आपको बताना चाहूंगा कि विधानसभा चुनाव में परदेश से आकर आपके कई रैलियों में अपना पैसा खर करके एक दर्शक बनता था और सोशल मीडिया पर प्रचारक रहा लेकिन जीत के बाद अपने स्वभाव स्वरूप मैं आलोचना करता हू … प्रचार व आलोचना दोनो मैं निःस्वार्थ भाव से किया ..!
अपने स्वभाव व जनपद के हितों के लिए मैंने आपका आलोचना किया जिससे नाराज होकर अहंकार में सागर में डुबकी लगाने वाले आपके सुपुत्र जी ने हमारे विरुद्ध घोर निंदनीय ,महापाप के समान कर्म कर दिए ..
आपके सुपुत्र जी फर्जी FIR से मुझे डर भय तो नही लेकिन मुझे दुःख जरूर हुआ …

सोशल मीडिया पर विधायक ज़ी को खुला खत       मेरी जुबान बंद कराने के उद्देश्य से मुझे फर्जी FIR में गुंडा ,माफिया , नशेड़ी दारूबाज व मांसखोर बता दिया जो घृणित कर्म मैं स्वप्न में भी करना कि सोच नही रख सकता वो आपके सुपुत्र जी ने …!
विधायक जी जरा ब्राम्हण के ऊपर कलंक लगाने से पहले ईश्वर के न्याय सिद्धांत से डरो ..
विधायक जी आपके पास शराब का ठेका है तो इसका मतलब ये नही हो गया कि सभी ब्राम्हण नशेड़ी व मांसखोर और गुंडा माफिया हो गए है।
खैर…हम भी ‘सनातनी’, भाजपाई, संघवादी हैं इसलिए थोड़ा चिट्ठी लिखकर पूछ लिये🙏🏻

मातृभूमि मंथन (०४) – ५ करोड़ सुनते ही विधायक मौन, ज्ञानपुरिया मांगें विकास.!

 

मातृभूमि मंथन (०३) – भ्रष्ट अधिकारी की छूट्टी, विधायक तलब होगें लखनऊ.!

 

मातृभूमि मंथन (०२) – ‘त्वरित विकास योजना’ में ‘भ्रष्टाचार’, आखिर ‘ठगहारा’ कौन.?

 

योगीजी पढ़िये…मातृभूमि छलनी ‘बिन’ विकास, भ्रष्टाचारियों का कीजै सर्वनाश.!

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